प्रिय देशवासियों,
भारत की आत्मा हमारे गाँवों, खेतों और मेहनतकश हाथों में बसती है। यही किसान और मज़दूर हमारे राष्ट्र की रीढ़ हैं। उनकी मेहनत से अन्न उगता है, उद्योग चलता है और देश आगे बढ़ता है। परंतु दुख की बात है कि जिनके श्रम से भारत की समृद्धि खड़ी होती है, वही किसान और मज़दूर आज भी कई कठिनाइयों से जूझ रहे हैं — शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सरकारी योजनाओं की सही पहुँच अब भी एक बड़ी चुनौती है।
इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए "किसान मज़दूर सेवा कल्याण समिति" का गठन किया गया है। हमारा उद्देश्य केवल सहायता देना नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता की भावना जगाना है — ताकि हर किसान और हर मज़दूर अपने अधिकार, अपने सम्मान और अपने सपनों को साकार कर सके।
हम शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, सामाजिक न्याय, विवाह सहयोग, और सरकारी योजनाओं के लाभ को गाँव-गाँव तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारी समिति का नारा "जय किसान, जय श्रमिक" केवल एक वाक्य नहीं, बल्कि एक संकल्प है — भारत के हर श्रमिक और किसान को गर्व से जीने का अधिकार दिलाने का।
मैं सभी देशवासियों, युवाओं और समाजसेवियों से आग्रह करता हूँ कि इस अभियान से जुड़ें। मिलकर हम एक ऐसा भारत बना सकते हैं जहाँ किसान समृद्ध हो, मज़दूर सुरक्षित हो, और हर परिवार खुशहाल हो।
आपका सहयोग, हमारी ताक़त है।
आइए, हाथ मिलाएँ —
"सेवा, समर्पण और स्वाभिमान" के इस पवित्र कार्य में भागीदार बनें।